tag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post1118601645511348866..comments2023-10-12T17:09:40.807+05:30Comments on वीणापाणी: जीवन के रंग हज़ार ..RADHIKAhttp://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-85690127276380136982009-06-18T17:17:58.980+05:302009-06-18T17:17:58.980+05:30सभी पाठको को बहुत बहुत धन्यवाद ,
धन्यवाद युनुस जी ...सभी पाठको को बहुत बहुत धन्यवाद ,<br />धन्यवाद युनुस जी आपने जो जानकारी दी उस हेतु ,<br />मैं विविध भारती पर यह कड़ी सुनने का अवश्य प्रयत्न करुँगी,इस वीणा साधिका के लिए विचित्र वीणा पर आधारित यह कड़ी बहुत ज्ञानवर्धक होगी .<br />आपको पुनः: धन्यवादRADHIKAhttps://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-63677572797858654742009-06-13T16:51:01.830+05:302009-06-13T16:51:01.830+05:30Apke blog ko dekhkar bada sukun mila...wakai ap pa...Apke blog ko dekhkar bada sukun mila...wakai ap par veena-vadini Saraswati maan ki kripa hai.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-64311696854612901172009-06-13T10:51:52.673+05:302009-06-13T10:51:52.673+05:30राधिका जी आपको अपने ब्लॉग पर अपने ईमेल का लिंक दे...राधिका जी आपको अपने ब्लॉग पर अपने ईमेल का लिंक देना चाहिए । ताकि कोई आपसे संपर्क स्थापित करना चाहे तो उसके पास एक सूत्र हो । <br />दरअसल मुझे पता था कि आपका ताल्लुक विचित्र वीणा से है इसलिए बताना जरूरी समझा कि विविध भारती पर इन दिनों सुबह साढ़े सात बजे संगीत सरिता में पंडित रमेश प्रेम से बातचीत पर आधारित और विचित्र वीणा पर केंद्रित श्रृंखला आ रही है । शुक्रवार और शनिवार को इसकी पहली और दूसरी कडियां प्रसारित हुई हैं । <br />उम्मीद है कि आप अपने शहर में इसे सुन पायेंगी । <br />कोई दिक्कत हो तो मेरे ईमेल पते पर संपर्क करें । <br />यूनुस खान विविध भारतीYunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-57343338483745012472009-06-12T10:04:39.270+05:302009-06-12T10:04:39.270+05:30राधिका जी आपकी पोस्ट रिफ्रेशिंग और ऊर्जा से भरी लग...राधिका जी आपकी पोस्ट रिफ्रेशिंग और ऊर्जा से भरी लगी. लेकिन केवल मुंबई नहीं दूसरे छोटे शहरों में भी लोग सुप्रभात के सौंदर्य को देखने और महसूस करने से वंचित रह जाते हैं, कुछ लाइफस्टाइल के कारण कुछ, मजबूरी के कारण. जैसे व्यावसायिक बाध्यता के कारण मुझे देर रात तक जागना पड़ता है. यदाकदा ही सूर्यदेव और पक्षियों को सुप्रभात बोल पाता हूं. लेकिन प्रकृति तो चौबीस घंटे आपका अभिवादन करने को तैयार है, महसूस तो करिए. इसके लिए देखें ojhagiri.blogspot.comrajivhttps://www.blogger.com/profile/10917588871855963207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-59444502469969128402009-06-04T17:26:35.685+05:302009-06-04T17:26:35.685+05:30मुंबई में आपका स्वागत है लेकिन सूर्योदय का इतना सु...मुंबई में आपका स्वागत है लेकिन सूर्योदय का इतना सुन्दर दृश्य वहां कहाँ.??? आप क्या मुलुंड या बोरीवली में रह रहीं हैं जहाँ से हो सकता सूर्य इतना सुन्दर उगता दीखता हो...वर्ना हमारी बालकनी से तो ये रोज का दृश्य है....सामने पहाड़ और उस पर से उगता सूर्य...अद्भुत <br />नीरजneeraj1950https://www.blogger.com/profile/14535699204221748898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-64644930533721579432009-06-04T16:53:40.704+05:302009-06-04T16:53:40.704+05:30डाक्टर अरविंद जी ने किसी वाद्य पर राग मालकौंस की फ...डाक्टर अरविंद जी ने किसी वाद्य पर राग मालकौंस की फरमाइश की है। आप तक पहुँचा रहा हूँ।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-8912237092555144222009-06-04T15:59:15.959+05:302009-06-04T15:59:15.959+05:30राधिका जी
भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति आपका यह...राधिका जी <br />भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति आपका यह लगाव देखकर एवं आपका ब्लाग पढ़कर दिल गदगद हो गया । चँूकि मैं शास्त्रीय संगीत से जूड़ा व्यक्ति हूँ साथ ही भारतीय संस्कृति को संरक्षित करना मेरा पेशा है। मैं वायलिन बजाता हूँ ।Drmanojgautammanuhttps://www.blogger.com/profile/17119682554137493633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-42784795648834140352009-06-04T15:54:48.715+05:302009-06-04T15:54:48.715+05:30ऐसे ही जीवन के रंगों को हमारे साथ साझा करती रहें। ...ऐसे ही जीवन के रंगों को हमारे साथ साझा करती रहें। अच्छी लगी आपकी पोस्ट।<br /><a href="http://alizakir.blogspot.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://tasliim.blogspot.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sciblogindia.blogspot.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-18962931770983854882009-06-04T14:41:07.146+05:302009-06-04T14:41:07.146+05:30tabhi aap gayab thitabhi aap gayab thiअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3625013514273701538.post-86104121072185943152009-06-04T14:15:01.999+05:302009-06-04T14:15:01.999+05:30अच्छा तभी कहूँ,इतने दिनों से आप नजर क्यों नहीं आ र...अच्छा तभी कहूँ,इतने दिनों से आप नजर क्यों नहीं आ रहीं......<br /><br />ईश्वर करें, उस भीड़ भाड़ ताम झाम वाले शहर में भी रूहानी सुकून देने लायक बहुत कुछ आपको मिले...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.com