ध्रुपद समृद्ध भारत की समृद्ध गायन शैली हैं ,प्राय : देखा गया हैं की ख्याल गायकी सुनने वाले भी ध्रुपद सुनना खास पसंद नही करते। कुछ वरिष्ठ संगीतंघ्यो ने इस गौरवपूर्ण विधा को बचाने का बीड़ा उठाया हैं,इसलिए आज भी यह गायकी जीवंत हैं और कुछ समझदार ,सुलझे हुए विद्यार्थी इसे सीख रहे हैं , ध्रुपद का शब्दश: अर्थ होता हैं ध्रुव+पद अर्थात -जिसके नियम निश्चित हो,अटल हो ,जो नियमो में बंधा हुआ हो।
माना जाता हैं की प्राचीन प्रबंध गायकी से ध्रुपद की उत्पत्ति हुई ,ग्वालियर के महाराजा मानसिंह तोमर ने इस गायन विधा के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,उन्होंने ध्रुपद का शिक्ष्ण देने हेतु विद्यालय भी खोला। ध्रुपद में आलापचारी का महत्त्व होता हैं,सुंदर और संथ आलाप ध्रुपद का प्राण हैं ,नोम-तोम की आलापचारी ध्रुपद गायन की विशेषता हैं प्राचीनकाल में तू ही अनंत हरी जैसे शब्दों का प्रयोग होता था ,बाद में इन्ही शब्दों का स्थान नोम-तोम ने ले लिया . शब्द अधिकांशत:ईश्वर आराधना से युक्त होते हैं,गमक का विशेष स्थान होता हैं इस गायकी में । वीर भक्ति श्रृंगार आदि रस भी होते हैं ,पूर्व में ध्रुपद की चार बानियाँ मानी जाती थी अर्थात ध्रुपद गायन की चार शैलियाँ । इन बानियों के नाम थे खंडारी ,नोहरी,गौरहारी और डागुर ।
आदरणीय डागर बंधू के नाम से सभी परिचित हैं ,आदरणीय श्री उमाकांत रमाकांत गुंदेचा जी ने ध्रुपद गायकी में एक नई मिसाल कायम की हैं,इन्होने ध्रुपद गायकी को परिपूर्ण किया हैं,इनका ध्रुपद गायन अत्यन्त ही मधुर, सुंदर और भावप्रद होता हैं, इन्होने सुर मीरा आदि के पदों का गायन भी ध्रुपद में सम्मिलित किया हैं । श्री उदय भवालकर जी (उपर फोटो ) का नाम युवा ध्रुपद गायकों में अग्रगण्य हैं,आदरणीय ऋत्विक सान्याल जी,श्री अभय नारायण मलिक जी व कई श्रेष्ठ संगीत्घ्य ध्रुपद को ऊँचाइयो तक पहुँचा रहे हैं ।
ध्रुपद में आलापचारी को समझने के लिए सुनिए पंडित उदय भवालकर का गया राग पुरिया में द्रुत आलाप
|
aanand!!
ReplyDeletebahut achhi jankari
ReplyDeleteप्रेजेंट मैम.
ReplyDeletebahot badhiya prastuti... dhero badhai aapko aise jankari ke liye..
ReplyDeleteवाह मजा आ गया सुनकर.धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत खुब
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत खूब !शुक्रिया राधिका जी !
ReplyDeleteaaj pahli baar aapke blog par pahuncha ,
ReplyDeleteSangeet mein meri bhi ruchi hai aur mere ek blog par bahut se videos bhi hai [ www.vijaykumar1966.blogspot.com ]
main ek baat kahna chunga, Please visit my blog : www.poemsofvijay.blogspot.com
I am sure you will like my poems. can any classical music composition can be made .
please reply after you see my blog.
regards
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
शास्त्रीय संगीत की नयी जानकारी के लिए धन्यवाद! उदय भवालकर जी की फोटो तो मुझे दिख नहीं रही है!
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश
ReplyDelete