9/04/2008

सुनिए गीत :तुम तो प्यार हो सजना

रागों के सफर में आज हम चलेंगे एक नवनिर्मित ,मिश्रित राग की ओर(मिश्रित राग याने जो राग दो या अधिक रागों के मिश्रण से बनाये गए हो ) ,इस राग का नाम हैं,राग मारूबिहाग । प्राचीन ग्रंथो में केवल मारू नामक राग का उल्लेख मिलता हैं ,अत:मारूबिहाग, राग मारू और बिहाग( जिसे हमने अपनी पूर्व पोस्ट में जाना) के मिश्रण से बना हैं , बिहाग की तरह ही इस राग के आरोह में रे व ध वर्ज्य हैं ,अवरोह सम्पूर्ण हैं ,इसलिए जाती भी औडव- सम्पूर्ण हुई। कुछ लोग इसकी जाती वक्र औडव, सम्पूर्ण भी बताते हैं,अब ये क्या लोचा हैं ??वक्र औडव??
बताती हूँ , इस राग का आरोह वैसे तो नि से शुरू होकर । नि(मंद्र सप्तक का ) सा ग म((तीव्र)तीव्र म के उपर खड़ी रेखा होती हैं जो यहाँ नही लग पा रही ) नि सां हैं ।
स्पष्ट रूप से :आरोह हैं -नि सा ग म(तीव्र )प नि सां
अवरोह हैं- सां नि ध प म(तीव्र ) ग म(तीव्र ) ग रे सां
अब यह तो स्पष्ट हो गया की इसमे तीव्र म लगता हैं जबकि बिहाग में शुद्ध(ज्यादा (तीव्र का क्वचित प्रयोग )) ,पर एक बात और हैं ,वह यह की मारू बिहाग में दोनों म लगते हैं शुद्ध भी तीव्र भी बस आरोह मेंशुद्ध म का वक्र प्रयोग याने कुछ इस तरह से सा म(शुद्ध )ग, म (तीव्र ) प म (तीव्र ) ग रे सा ,इस तरह शुद्ध म के अल्प किंतु वक्र प्रयोग से ही इस राग की जाती वक्र औडव सम्पूर्ण कहलाती हैं । इस राग में तीव्र म का प्रामुख्य से प्रयोग होता हैं
वादी संवादी भी वही हैं बिहाग वाले,ग और नि । समय रात !10 से 11:30 तक का ।

लीजिये हो गया हमें राग मारू बिहाग का सामान्य ज्ञान । अब सुनते हैं राग मारूबिहाग में यह प्यारा सा गीत ।

10 comments:

  1. इतना मधुर गीत ज्ञान के साथ ..बहुत बहुत शुक्रिया सुनवाने का बताने का

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  2. शुक्रिया.. गीत तो पहले कई बार सुना है लेकिन इस जानकारी के साथ पहली बार सुनने का अवसर मिला.

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  3. वाह बहुत प्यारा गीत है। साथ में जानकारी भी अच्छी लगी। आभार

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  4. पाठ कुछ-कुछ समझ में आरहा है गुरु जी.
    ऐसे तो इस गीत को कभी नहीं सुना था .
    आभार!

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  5. गीत तो प्यारा है ही. पर ज्ञान ... अनमोल !

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  6. यह गीत मेरी जान हे, ओर आप ने एक नया ज्ञान साथ मे दिया धन्यवाद

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  7. आज ही पता चला पासवर्ड वाली दुर्घटना के बारे में। पासवर्ड आप भूली हैं और काम हमारा बढ़ गया। इतना सारा बैकलौग हो गया है, उसको पढ़ने में पूरा सप्ताहांत जाएगा।

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  8. आभार जानकारी के लिए.बहुत शुक्रिया सुनवाने का.

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  9. राधिका,
    ये गीत हमने बहुत ज्यादा सुना है, बहुत ही मधुर है। क्या आपको नही लगता इन रागों पर आधारित गीत बनने बंद ही हो गये हैं। नये गीतों में कुछ गीत बता सकती हैं क्या जो किसी राग में बने हों। धन्यवाद जानकारी के लिये।

    पासवर्ड खोया तो खोया, आडियो लगाना तो सीखा ही गया। बस अब इस वाले को संभाल के रखियेगा।

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  10. राधिका जी आपका यह उपक्रम हम अनाडियों को थोडा शास्त्रीय संगीत की जानकारी देने का स्तुत्य है । इस तरह मुझे दो गानें के रागों का पता चला ।
    आपका यह ब्लॉग खूब चले ।

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