9/17/2010

प्रथम पुरस्कार

कुछ तस्वीरे हैं मेरी प्यारी सुरस्वती की.देखिये और बताईये की जब घर में साक्षात् सुरस्वती विराजमान हो तो मन उसकी आराधना में ज्यादा लगना स्वाभाविक हैं न :-)
सोसायटी की फेंसीड्रेस  कॉम्पिटीशन में आरोही सरस्वती बनी और उसने बड़ा मन लगाकर सबके सामने वीणा बजायी (जितना वह बजा सकती हैं यानि वीणा के तारो को छेड़ना)

और अभी मिली ताज़ा खबर के  अनुसार आरोही को इस प्रतियोगिता में  १ से ५ और ६ से १२ दोनों ग्रुप्स में प्रथम पुरस्कार मिला हैं .गणपति बाप्पा की जय ............








5 comments:

  1. ओह ब्यूटीफुल!
    आशीष
    ---
    पहला ख़ुमार और फिर उतरा बुखार!!!

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  2. आदरणीय डॉ.राधिका उमडे़कर बुधकर जी
    अभिवादन !
    सरस्वती-सुता तो साक्षात् सरस्वती है …
    बहुत प्यारी गुड़िया है !

    आरोही को सोसायटी की फेंसीड्रेस प्रतियोगिता में दो-दो ग्रुप्स में प्रथम पुरस्कार मिलने पर बहुत बहुत बधाई और शुभाशीर्वाद !

    आपसे निवेदन है कि वीणापाणी पर कुछ नया डालती रहा करें । … और जब भी नई पोस्ट डालें , मेल द्वारा सूचित कर दिया करें , कृपया ।

    शुभकामनाओं सहित
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  3. maa saraswati ko kitni khubsurati se aapne bachchi me utara...badhai...puruskar ke liye..:)

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