11/28/2008

जी भर कर मारे ताने :ताने मारना अच्छा हैं !

जी आप लाख कहे की ताने नही मारने चाहिए ,मैं तो कहूँगी की ताने मारने ही चाहिए। ताने मारे बिना आनंद ही नही आता । कोई ताने मारे तभी तो लोग कहते हैं क्या बात हैं ,कम से कम मैं तो यही कहती हूँ ,अब आप कहेंगे की कोई पति अपनी पत्नी को किसी बात पर ताना मारे तो पत्नी की आँखों में से गंगा जमुना बहने लगती हैं,कोई सास बहूँ को ताने मारे तो बहूँ एंटी सास दल की सदस्य बन जाती हैं और जो बहूँ ने मारे ताने तो सास बहूँ की कहानी घर घर की बन जाती हैं ,वो भी छोडे कभी किसी दोस्त ने किसी बात पर कस दिए ताने तो "दुश्मन न करे दोस्त ने वो कम किया हैं ",जैसे गानों की सीडी बज जाती हैं ,और रिश्तेदारों ने जो मारे ताने तो हिन्दी धारावाहिकों को एक भोली सी लड़की की करुण सी कहानी मिल जाती हैं ,जिस पर माताए बहने टीवी के सामने आँखों से टेसुए बहाती हैं । अब इतना सुन कह लेने के बाद भी मेरी धारणा नही बदलने वाली ,मैं तो फ़िर भी कहूँगी ,ताने जो मारे तो सभा में आनंद आए , आप मन ही मन में कह रहे हैं न कैसी बुरीमहिला हैं ! कहिये कहिये ,अजी मैं तो कहती ताने भी ऐसे मारने चाहिए जो सीधे आत्मा पर असर करे ,सीधे दिल को छू जाए । अब इससे पहले की आप मुझ पर क्रोधित हो जाए , मैं यह बता दू की मैं कर हूँ बात शास्त्रीय संगीत की तानो की ,वह ताने जिसे सुनकर श्रोता कह उठते हैं वाह वाह,क्या बात हैं ,और किसी ने अगर ताने नही मारी तो कह देते हैं क्या गायन वादन सुनने में मजा ही नही आया ।

अब ताने मारने भी कोई सरल नही हैं ,जी जैसा की बोलचाल में ताने मारने वाले को सोचना पड़ता हैं की मैं ऐसे क्याताने मारू की सुनने वाले का ह्रदय दुःख से भर जाए,आखे आसुंओ से सज जाए ,और कम से कम वह एक दो दिन डिप्रेशन से बहार न आ सके ,ठीक वैसे ही गायन वादन करने वाले कलाकार को सोचना पड़ता हैं की कौनसी तन कैसे मारू की सुनने वाला असीम आत्माआनंद और संगीत की स्वर लहरियों में खो जाए ,और जीवन पर्यंत इस गायन वादन की स्मृति उसे आनंद विभोर करती रहे और इसके लिए रियाज़ भी बहुत करना पड़ता हैं ,घंटो कलाकार को ताने मारने अर्थात गाने या बजाने की प्रेक्टिस करनी पडती हैं ।

अब आप सोचेंगे ये अद्भुत सी ताने हैं क्या ?सधी सी परिभाषा तो यह हैं की स्वरों का वह समूह जिससे राग का विस्तार किया जाता हैं ताने कहलाती हैं ,और थोडी विस्तृत सी भाषा में कहू तो ताने वो जिनमे स्वरों के विभिन्न तरह के समूह बनाये जाते हैं ,और उन्हें थोड़ा या ज्यादा तेज़ ले में गाया बजाया जाता हैं ,वैसे सामान ले में भी ताने बजायी जाती हैं ,लेकिन तेज़ तानो की बात ही कुछ और हैं । तानो के कई प्रकार भी भी होते हैं वो अगली पोस्ट में । फिलहाल सुनिएयह गीत जिसमे लता जी ने कितनी सुंदर ताने ली हैं:और मेरी मानिये खूब ताने मारिये ,क्योकी ताने मारना अच्छा हैं लेकिन बस संगीत में ....
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5 comments:

  1. ताने ताने पर लिखा होता है सुंनने वाले का नाम.

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  2. ताने बिन सब सुन, इस ताने मै ही तो सास बहु का प्यार भी छिपा है.

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  3. Tanon ko taan se jodne ki kala hai aapmein....kya baat hai... badhai

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  4. मैं तो चौंक ही गया था . ताने और मुरकियां किसी भी गाने का गहना होती है.अच्छे गायक की पहचान.

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  5. ये वाला तो चल ही नही रहा. :(

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