7/28/2009

वक़्त के संग चलते चलते .........

समय के साथ चलने के लिए कई बार इंसान को बदलना पड़ता ,पुराने विचारो के साथ नए विचारो का सामंजस्य कुछ इस तरह से बिठाना पड़ता हैं की पुराने संस्कारो का भी आदर हो और नए विचारो का भी स्वागत । बात सिर्फ़ इंसान के बदलने की ही नही हैं .समय के साथ स्वयं को बनाये रखने के सभी को बदलना पड़ता हैं चाहे वे फ़िर वाद्य ही क्यो नही हो .हम पिछली पोस्ट में बात कर रहे थे सितार की ,सितार जिसने समय के साथ स्वयं को बदल कर आज अन्य वाद्यों के समक्ष एक कड़ी चुनौती प्रस्तुत की हैं ।



पहले माइक नही था,अब अगर अपनी बात कई श्रोताओ तक पहुचानी हो तो जोर से बोलने ,गाने ,और जोर से ही वाद्य बजाने के आलावा कोई दूसरा रास्ता नही था ,इसलिए बडे सितार में बड़ा सा तुम्बा हुआ करता था जो वाद्य की गूंज को और बडा करके उसकी आवाज़ को बडा करके श्रोताओ तक पहुचाएं सितार की दांड भी मोटी हुआ करती थी .लेकिन माइक आने से गायन वादन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुआ । सितार की बात करे तो वह अपेक्षा कृत छोटी हो गई ,क्योकि अब वादक के सामने बड़ी सितार पर जोर से आवाज़ में बजाने की समस्या नही थी .स्वाभाविक हैं की छोटी सितार पर बजाना बड़ी सितार पर बजाने से काफी आसन हैं .इस कारण वादन का तकनिकी विस्तार हुआ ।आज के समय में दो प्रकार की सितारे एक पंडित रविशंकर जी की शैली की दूसरी उस्ताद विलायत खां साहेब जी की शैली की सितार बहुत लोकप्रिय हैं ।
पंडित रविशंकर जी(चित्र में ) के नाम से कौन अपरिचित हैं?उहोने भारतीय संगीत को जो दिया हैं वह अतुलनीय,अगणनीय हैं .उनकी वादन शैली ध्रुपद पर आधारित होने से सितार में दो मोटे तार अति मंद्र पंचम (प )और मंद्र षडज (सा ) के उन्होंने लगाये ,इससे हुआ ये की सितार के वादन में गंभीर काम अति सुंदरता से किया जा सकना सम्भव हुआ इनकी शैली की सितारे बड़ी ही सुंदर तरह से सजाई जाती हैं । उपर की और एक अतिरिक्त तुम्बा रखने का प्रावधान भी इस सितार में हैं ,इनकी शैली की सितारे अपेक्षा कृत भारी व बड़ी होती हैं .गुलाब फूलो के आकार की खुंटिया देखते ही बनती हैं .चित्र में पंडित रविशंकर जी की शैली का सितार


सुनिए पंडित रविशंकर जी का बजाया राग किरवाणी ,यह मेरा पसंदिता राग हैं
http://www.youtube.com/watch?v=ZYlPcbNAPH8

लीजिये सुनिए एक सुंदर धुन और गत
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9 comments:

  1. धुन सुनी, वाकई यह संगीत तो सीधा आत्मा को छूता है। सितार पर इस जानकारी के लिए धन्यवाद।

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  2. वाकई अपने पिटारा खोला है आज.....

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  3. waah aapaka nlog bahut achcha laga.........

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  4. SEEDHE MAN KE ANDAR TAK UTARJAATI HAI YE AAWAAZ.....SHUKRIYA AAPKA ITNI MANMOHAK JAANKAARI KA....

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  5. स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  6. sunder post par afsos sitar wadan se wanchit rahee.

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  7. बढ़िया जानकारी के साथ,
    उम्दा पोस्ट लिखने के लिए बधाई!

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  8. आज पंडित रविशंकर जी का बजाया राग किरवाणी सुना,बेहद पसन्द आया,इस प्रस्तुति के लिये बधाई

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